प्रदोष काल पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय: स्थिर वृषभ लग्न और नवमांश का महत्व
प्रदोष काल, सूर्यास्त के बाद का शुभ समय, हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा और ग्रह दोष निवारण के […]
प्रदोष काल, सूर्यास्त के बाद का शुभ समय, हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा और ग्रह दोष निवारण के […]
दिवाली, हिंदू धर्म का सबसे प्रिय और भव्य त्यौहार है जो प्रकाश, समृद्धि और सुख का प्रतीक माना जाता है।
नवरात्रि, देवी दुर्गा की आराधना का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। इस पावन अवसर पर नवचंडी पाठ का विशेष
7 सितंबर 2025 को वर्ष का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) भारत में दिखाई देगा, जो एक दुर्लभ
कलियुग, जिसे हम वर्तमान युग के रूप में जानते हैं, वह चार युगों (सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, और कलियुग) में से
भागवत पुराण, श्रीमद्भगवद्गीता और अन्य प्रमुख हिंदू धर्मग्रंथों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कलियुग में कठोर तप,
शनिश्चरी अमावस्या एक विशेष दिन है जब अमावस्या शनिवार को पड़ती है, और इसे हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और
गुरु पुष्य योग हिंदू ज्योतिष में एक अत्यंत शुभ और दुर्लभ योग है, जो तब बनता है जब पुष्य नक्षत्र
शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा को समर्पित