सूर्य ग्रहण दोष पूजा उज्जैन
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सूर्य ग्रहण दोष क्या है?
हिन्दू धर्म में सूर्य ग्रहण दोष एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय दोष है, जो तब उत्पन्न होता है जब जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह राहु या केतु के प्रभाव में आ जाता है। यह दोष विशेष रूप से तब बनता है जब:
- सूर्य और राहु या केतु एक ही भाव में स्थित हों – जब सूर्य के साथ राहु या केतु किसी भी भाव में होते हैं, तो यह सूर्य ग्रहण दोष बनाता है।
- सूर्य पर राहु या केतु की दृष्टि (Aspect) हो – यदि राहु या केतु सूर्य को देख रहे होते हैं, तो यह दोष अधिक प्रभावी होता है।
- ग्रहण के समय जन्म हुआ हो – यदि व्यक्ति का जन्म सूर्य ग्रहण के दौरान हुआ है, तो उसकी कुंडली में यह दोष स्वतः बन जाता है।

सूर्य ग्रहण दोष के प्रभाव
सूर्य ग्रह को आत्मा, पिता, सम्मान, स्वास्थ्य, नेतृत्व और आत्मविश्वास का मुख्य कारक माना जाता है। जब सूर्य राहु या केतु से प्रभावित होता है, तो व्यक्ति को कई मानसिक, शारीरिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
मानसिक और शारीरिक प्रभाव
- आत्मविश्वास में कमी, लगातार नकारात्मक विचार आना, मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद, निर्णय लेने में कठिनाई, अहंकार, गुस्सा और अधीरता
पारिवारिक और सामाजिक प्रभाव
- पिता से मतभेद या पिता का स्वास्थ्य खराब रहना, पारिवारिक कलह और रिश्तों में समस्याएं, समाज में अपमान या मान-सम्मान की हानि, करियर में रुकावटें और संघर्ष
स्वास्थ्य पर प्रभाव
- हृदय संबंधी रोग, आँखों की समस्या, त्वचा रोग और उच्च रक्तचाप, सिरदर्द और माइग्रेन
सूर्य ग्रहण दोष के उपाय
- भगवान सूर्य को जल अर्पित करें – प्रतिदिन सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, चावल और गुड़ डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
- आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें – यह पाठ सूर्य ग्रहण दोष को शांत करता है।
- सूर्य मंत्र का जाप करें –
🕉 ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः। इस मंत्र का 108 बार जाप करें। - रविवार का व्रत करें – यह सूर्य की शक्ति को मजबूत करता है।
- लाल वस्त्र, तांबे के बर्तन और गेहूं का दान करें – रविवार को ब्राह्मणों को दान देने से दोष शांत होता है।
- नवग्रह शांति पूजा कराएं – विशेष रूप से उज्जैन, त्र्यंबकेश्वर और काशी में यह पूजा प्रभावी मानी जाती है।
- गाय को गुड़ और गेहूं खिलाएं – इससे सूर्य ग्रहण दोष के दुष्प्रभाव कम होते हैं।
सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा
शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा एक विशेष पूजा है जो सूर्य ग्रहण दोष के नकारात्मक प्रभाव को कम करने और व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति लाने के लिए की जाती है। यह पूजा विशेष रूप से सूर्य, राहु और केतु की शांति के लिए की जाती है, क्योंकि सूर्य ग्रहण दोष इन्हीं ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण बनता है। सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, धन, परिवार और कार्यक्षेत्र में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। सूर्य ग्रहण दोष के कारण जीवन में कई परेशानियाँ आती हैं, जैसे आत्मविश्वास की कमी, पिता से मतभेद, करियर में बाधाएँ, मानसिक तनाव और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ। इस दोष को शांत करने के लिए सूर्य ग्रहण दोष निवारण पूजा एक प्रभावी उपाय है।
सूर्य ग्रहण पूजा की लागत
सूर्य ग्रहण पूजा की लागत स्थान, विधि और पंडित की दक्षणा पर निर्भर करती है। उज्जैन में यह पूजा ₹2100 से शुरू होती है। पूजा की लागत और सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित जोशी जी से नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें।
उज्जैन में सूर्य ग्रहण पूजा कैसे बुक करें?
उज्जैन में चंद्र ग्रहण दोष पूजा कराने के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित से परामर्श ले। वे आपकी कुंडली के अनुसार सही पूजा विधि और मंत्र बता कर पूर्ण विधि-विधान से आपकी पूजा करेंगे जिससे आपको दोष निवारण मे मदद मिलेगी। अभी अपनी पूजा बूक करने के लिए पंडित जी को नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और अपनी पूजा बूक करे