ग्रहण दोष पूजा उज्जैन

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ग्रहण दोष क्या है? यह दोष कैसे बनता है?

ग्रहण दोष ज्योतिष शास्त्र में एक अशुभ योग माना जाता है, जो तब बनता है जब कुंडली में सूर्य और चंद्रमा ग्रहण की स्थिति में हों। यह दोष व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएँ और बाधाएँ उत्पन्न कर सकता है। ग्रहण दोष का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनके आपसी संबंधों पर निर्भर करता है। 

ग्रहण दोष तब माना जाता है जब कुंडली में सूर्य और चंद्रमा एक ही भाव में होते हैं और राहु या केतु के साथ युति बनाते हैं। यह स्थिति ग्रहण के समय होती है, जब सूर्य और चंद्रमा राहु या केतु के प्रभाव में आते हैं। इसके अलावा, निम्न स्थितियों में भी ग्रहण दोष बन सकता है:

  1. सूर्य और चंद्रमा का राहु या केतु के साथ युति: यदि सूर्य और चंद्रमा राहु या केतु के साथ एक ही भाव में हों, तो ग्रहण दोष बनता है।

  2. ग्रहण के समय जन्म: यदि किसी व्यक्ति का जन्म ग्रहण के समय हुआ हो, तो उसकी कुंडली में ग्रहण दोष हो सकता है।

  3. सूर्य और चंद्रमा का अशुभ स्थान: यदि सूर्य और चंद्रमा कुंडली के अशुभ भाव (जैसे छठे, आठवें या बारहवें भाव) में हों, तो ग्रहण दोष का प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।

Chandal Dosha Nivaran puja

ग्रहण दोष के प्रभाव

ग्रहण दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार के दुष्प्रभाव देखने को मिलते है जिससे निम्नलिखित समस्याएँ हो सकती हैं:

  1. स्वास्थ्य समस्याएँ: ग्रहण दोष के कारण व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

  2. पारिवारिक कलह: परिवार में तनाव और मतभेद बढ़ सकते हैं।

  3. आर्थिक समस्याएँ: धन की हानि या आर्थिक अस्थिरता हो सकती है।

  4. कार्यक्षेत्र में बाधाएँ: नौकरी या व्यवसाय में असफलता और रुकावटें आ सकती हैं।

  5. मानसिक अशांति: मन में नकारात्मक विचार और अशांति आ सकती है।

ग्रहण दोष के उपाय

वैदिक ज्योतिष में ग्रहण दोष के प्रभाव को कम करने के बहुत से लाभकारी उपाय सुझाए गए है जो की निम्नलिखित हैं:

  1. मंत्र जाप:

    • सूर्य के लिए: “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें।

    • चंद्रमा के लिए: “ॐ सोम सोमाय नमः” मंत्र का जाप करें।

    • राहु और केतु के लिए: “ॐ रां राहवे नमः” और “ॐ कें केतवे नमः” मंत्रों का जाप करें।

  2. रत्न धारण:

    • ज्योतिषचर्या की सलाह से सूर्य के लिए माणिक्य और चंद्रमा के लिए मोती धारण करना लाभदायक हो सकता है।

    • राहु और केतु के लिए गोमेद और लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए।

  3. दान और पूजा:

    • गरीबों को गेहूँ, चावल, वस्त्र और अनाज दान करें।

    • सूर्य और चंद्रमा की विशेष रूप से पूजा करें।

  4. ग्रहण के समय सावधानियाँ:

    • ग्रहण के समय भोजन न करें और मंत्र जाप या ध्यान करें।

    • ग्रहण के बाद स्नान करके दान-पुण्य करना चाहिए।

  5. ज्योतिषीय परामर्श:

    • किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लें और उनके द्वारा बताए गए उपायों अपनाये।

ग्रहण दोष निवारण पूजा

हिन्दू धर्म में ग्रहण दोष पूजा एक विशेष पूजा है जो ग्रहण दोष के प्रभाव को कम करने और व्यक्ति के जीवन में शांति और सुख लाने के लिए की जाती है। यह पूजा विशेष रूप से सूर्य, चंद्रमा, राहु और केतु को शांत करने के लिए की जाती है, क्योंकि ग्रहण दोष इन्हीं ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण बनता है। ग्रहण दोष पूजा करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, धन, परिवार और कार्यक्षेत्र में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। इस पूजा के निम्नलिखित महत्व दिये गए है:-

  • ग्रहण दोष पूजा से सूर्य और चंद्रमा की शक्ति बढ़ती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

  • राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए यह पूजा बहुत प्रभावी मानी जाती है।

  • यह पूजा व्यक्ति को मानसिक शांति और आत्मविश्वास प्रदान करती है।

ग्रहण दोष पूजा विधि

ग्रहण दोष पूजा को किसी अनुभवी पंडित या ज्योतिषी की देखरेख में करना चाहिए। यह पूजा ग्रहण दोष से उत्पन्न नकारात्मक प्रभावों को दूर करने मे प्रभावी मनी जाती है। यह पूजा निम्नलिखित चरणों में की जाती है:

1. पूजा की तैयारी

  • पूजा के लिए एक शुद्ध और स्वच्छ स्थान चुनें। सूर्य, चंद्रमा, राहु और केतु की मूर्ति या चित्र स्थापित करेंतथा पूजा सामग्री (जैसे फूल, फल, धूप, दीपक, अक्षत, कुमकुम, चंदन, नारियल, आदि) तैयार करें।

2. संकल्प लेना

  • पूजा शुरू करने से पहले संकल्प लें कि आप ग्रहण दोष के प्रभाव को कम करने के लिए यह पूजा कर रहे हैं। अपना नाम, गोत्र और जन्म तिथि बोलकर संकल्प लें।

3. गणेश पूजा

  • सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें, क्योंकि वे विघ्नहर्ता हैं और पूजा को सफल बनाते हैं।

4. सूर्य और चंद्रमा की पूजा

  • सूर्य और चंद्रमा की मूर्ति या चित्र पर फूल, अक्षत, चंदन और कुमकुम चढ़ाएं। सूर्य और चंद्रमा को जल अर्पित करें।

  • सूर्य के लिए “ॐ घृणि सूर्याय नमः” और चंद्रमा के लिए “ॐ सोम सोमाय नमः” मंत्र का जाप करें

5. राहु और केतु की पूजा

  • राहु और केतु की मूर्ति या चित्र पर काले तिल, उड़द की दाल और नारियल चढ़ाएं। राहु के लिए “ॐ रां राहवे नमः” और केतु के लिए “ॐ कें केतवे नमः” मंत्र का जाप करें।

6. हवन

  • हवन कुंड में आहुति दें और सूर्य, चंद्रमा, राहु और केतु के मंत्रों का जाप करते हुए हवन सामग्री (जैसे घी, चावल, तिल, आदि) डालें।

7. आरती और प्रसाद वितरण

  • सभी देवताओं की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

8. दान

  • पूजा के बाद गरीबों को अनाज, वस्त्र या धन दान करें। विशेष रूप से काले तिल, उड़द की दाल और कंबल दान करना शुभ माना जाता है।

उज्जैन में ग्रहण दोष पूजा के लाभ

उज्जैन में ग्रहण दोष पूजा से जन्म कुंडली में ग्रहण दोष के प्रभाव का सामना कर रहे व्यक्तियों को विभिन्न लाभ मिलते हैं:

  • दोष के प्रभाव से मुक्ति  – पूजा का उद्देश्य ग्रहण दोष के हानिकारक प्रभाव को कम करना, जीवन में चुनौतियों और बाधाओं से राहत दिलाना है।
  • जीवन को संतुलित करना –उज्जैन में ग्रहण दोष पूजा करके, भक्त अपनी कुंडली में ग्रहों की ऊर्जा के संतुलन को बहाल करना चाहते हैं, जिससे सद्भाव और कल्याण को बढ़ावा मिलता है।
  • रिश्तों में सुधार – ग्रहण दोष पूजा रिश्तों में संघर्ष को सुलझाने, आपसी समझ को बढ़ावा देने और घर में सकारात्मक माहौल बनाने में मदद कर सकती है।
  • स्वास्थ्य संबन्धित लाभ –  माना जाता है कि इस पूजा से शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, तथा ग्रहण दोष के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिलती है।
  • करियर और वित्तीय स्थिरता – व्यक्ति को करियर और वित्तीय मामलों में सुधार का अनुभव हो सकता है, जिससे अधिक स्थिरता और समृद्धि आएगी।
  • आध्यात्मिक विकास – पूजा आध्यात्मिक विकास और आंतरिक परिवर्तन में सहायता करती है, जिससे व्यक्ति का दिव्य ऊर्जाओं के साथ संबंध मजबूत होता है।
  • संतान संबन्धित समस्याए समाप्त होती है – ग्रहण दोष पूजा से प्रसव में आने वाली जटिलताओं को दूर करने और स्वस्थ संतान की संभावना को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।

उज्जैन मे ग्रहण दोष निवारण पूजा कैसे कराये?

अगर आप उज्जैन मे ग्रहण दोष निवारण पूजा करवाना चाहते है, तो आप पंडित जी से संपर्क कर सकते है। पंडित जी के पास वर्षभर ग्रहण दोष निवारण पूजा के लिए लोग आते है, और अपनी समस्याओ और बाधाओ से छुटकारा पाते है। अगर आप भी अपनी किसी समस्या से परेशान है, और उसके समाधान के लिए पूजा करवाना चाहते है, तो नीचे दी गई बटन पर क्लिक करके पंडित जी से बात कर सकते है।

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