चन्द्र ग्रहण दोष पूजा उज्जैन
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चन्द्र ग्रहण दोष क्या है?
चंद्र ग्रहण दोष ज्योतिष शास्त्र में एक अशुभ दोष माना जाता है, जो तब उत्पन्न होता है जब कुंडली में चंद्रमा राहु या केतु के प्रभाव में रहता है। यह दोष चंद्र ग्रहण के समय या चंद्रमा की अशुभ स्थिति के कारण उत्पन्न होता है। चंद्र ग्रहण दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएँ और बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यह दोष व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति और उसके आसपास के ग्रहों के प्रभाव पर निर्भर करता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन मे मानसिक अशांति, अस्थिरता, अवसाद, पारिवारिक तनाव और स्वास्थ्य संबन्धित समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। चंद्र ग्रह को मन, भावनाओं, माता, सोचने की क्षमता और मानसिक शांति का कारक माना जाता है।

चन्द्र ग्रहण दोष कैसे बनता है?
चंद्र ग्रहण दोष तब माना जाता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में निम्नलिखित स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं:
चंद्रमा और राहु/केतु की युति: यदि चंद्रमा राहु या केतु के साथ एक ही भाव में स्थित होता है, तो चंद्र ग्रहण दोष बनता है। यह स्थिति ग्रहण के समय होती है, जब चंद्रमा राहु या केतु के प्रभाव में आता है।
चंद्रमा का अशुभ स्थान: यदि चंद्रमा कुंडली में अशुभ भाव (जैसे छठे, आठवें या बारहवें भाव) में होता है, तो चंद्र ग्रहण दोष का प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।
ग्रहण के समय जन्म: यदि किसी व्यक्ति का जन्म चंद्र ग्रहण के समय हुआ हो, तो उसकी कुंडली में चंद्र ग्रहण दोष हो सकता है।
चंद्रमा का नीच राशि में होना: यदि चंद्रमा नीच राशि (वृश्चिक) में होता है, तो यह दोष और अधिक प्रभावी हो जाता है।
चन्द्र ग्रहण दोष के प्रभाव
चंद्र ग्रहण दोष के नकारात्मक प्रभाव के कारण व्यक्ति के जीवन में निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं:
मानसिक अशांति :- चंद्रमा मन का कारक ग्रह है, इसलिए इस दोष के कारण मानसिक तनाव, अवसाद और चिंता बढ़ सकती है।
स्वास्थ्य समस्याएँ :- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे नींद न आना, सिरदर्द, या पाचन संबंधी समस्याएँ।
पारिवारिक कलह :- परिवार में तनाव और मतभेद बढ़ सकते हैं।
आर्थिक समस्याएँ :- धन की हानि या आर्थिक अस्थिरता हो सकती है।
कार्यक्षेत्र में बाधाएँ :- नौकरी या व्यवसाय में असफलता और रुकावटें आ सकती हैं।
चन्द्र ग्रहण दोष के उपाय
- सोमवार का व्रत रखें और भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें।
- चंद्र ग्रहण शांति पूजा कराएं, विशेष रूप से उज्जैन में।
- चंद्र मंत्र का जाप करें:
🕉 ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः। - गाय को चावल और दूध खिलाएं और गरीबों को सफेद वस्त्र का दान करें।
- श्री चंद्र यंत्र को घर में स्थापित करें और नियमित रूप से पूजा करें।
- माला से चंद्र मंत्र का 108 बार जाप करें।
चन्द्र ग्रहण निवारण पूजा
वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रहण दोष पूजा एक विशेष पूजा है जो चंद्र ग्रहण के कारण उत्पन्न होने वाले दोषों को दूर करने और व्यक्ति के जीवन में सुख और शांति लाने के लिए की जाती है। चंद्र ग्रहण दोष पूजा करने से चंद्रमा की शक्ति बढ़ती है और राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जाता है। चंद्र ग्रहण दोष पूजा से चंद्रमा की शक्ति बढ़ती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए यह पूजा बहुत प्रभावी मानी जाती है। यह पूजा व्यक्ति को मानसिक शांति और आत्मविश्वास प्रदान करती है।
उज्जैन में कैसे कराएं चन्द्र ग्रहण दोष पूजा?
उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहाँ चंद्र ग्रहण दोष पूजा कराना अत्यंत शुभ माना जाता है। उज्जैन का काल भैरव मंदिर भगवान शिव के रुद्र अवतार काल भैरव को समर्पित है, यहाँ चंद्र ग्रहण दोष पूजा कराने से राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
उज्जैन में चंद्र ग्रहण दोष पूजा कराने के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित से परामर्श ले। वे आपकी कुंडली के अनुसार सही पूजा विधि और मंत्र बता कर पूर्ण विधि-विधान से आपकी पूजा करेंगे जिससे आपको दोष निवारण मे मदद मिलेगी। अभी अपनी पूजा बूक करने के लिए पंडित जी को नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और अपनी पूजा बुक करे