वैदिक ज्योतिष में नाड़ी दोष, विवाह कुंडली मिलान में पाया जाने वाला सबसे गंभीर दोष है। इस दोष को अगर अनदेखा कर दिया जाए तो यह दोष वैवाहिक जीवन में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, संतानहीनता, वैचारिक मतभेद जैसी बड़ी समस्याएं उत्पन्न कर सकता हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं — यदि समय रहते सही उपाय और समाधान किए जाएं, तो इस दोष को शांत किया जा सकता है।
नाड़ी दोष क्या है? कुंडली मिलान का महत्वपूर्ण घटक
विवाह के समय वर और वधू की कुंडली मिलान में अष्टकूट मिलान किया जाता है, जिसमें नाड़ी मिलान का 8 अंक का वेटेज होता है।
यदि दोनों की नाड़ी एक जैसी हो – अर्थात
- दोनों की आदि नाड़ी, या
- दोनों की मध्या नाड़ी, या
- दोनों की अंत्य नाड़ी हो
तो यह नाड़ी दोष कहलाता है, जो वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याओं का कारण माना जाता है।
नाड़ी दोष के नकारात्मक प्रभाव क्या है?
- पति-पत्नी के बीच शारीरिक और मानसिक असंतुलन
- संतान होने में बाधा या गर्भपात
- संतान रोगग्रस्त या दुर्बल हो सकती है
- वैवाहिक जीवन में झगड़े और कलह
- दीर्घकालिक वैवाहिक तनाव
नाड़ी दोष की जाँच कैसे करे?
नाड़ी दोष को जानने के लिए नीचे दिए गए तरीको का योग किया जाता है:
- कुंडली मिलान
● वर और वधू की जन्म कुंडली में नाड़ी चक्र का मिलान किया जाता है।
● यदि दोनों की नाड़ी समान हो, तो दोष माना जाता है। - नाड़ी गण मिलान में 8 अकं
● नाड़ी मिलान 8 अकं का होता है। यदि यह 0 अकं देता है, तो दोष गंभीर होता है।
नाड़ी दोष के निवारण के लिए प्रभावी उपाय कौन-कौन से है?
1. नाड़ी दोष निवारण पूजा – योग्य पंडित द्वारा विधिपूर्वक कराएं
नाड़ी दोष की शांति के लिए विशेष पूजा विधि होती है जिसमें: नाड़ी दोष नाशक मंत्रों का जाप, होम-हवन, ब्राह्मण भोजन व दान आदि शामिल होता है। यह पूजा उज्जैन जैसे पवित्र स्थान पर कराना अधिक शुभ होती है।
2. यदि वर और वधू के गुण अधिक हों, तो दोष कम माना जाता है
अगर कुंडली मिलान में कुल 18 से अधिक गुण मिल रहे हैं, तो नाड़ी दोष का प्रभाव तुलनात्मक रूप से कम हो सकता है। ज्योतिषाचार्य से व्यक्तिगत परामर्श आवश्यक है। उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करे और आज ही अपनी समस्या का समाधान पाएँ।
3. नाड़ी दोष की छूट (Exceptions) – जब दोष प्रभावी नहीं होता
कुछ विशेष स्थितियों में नाड़ी दोष स्वतः ही निरस्त या निष्प्रभावी माना जाता है:
- एक की जन्म राशि और नक्षत्र अलग हों
- दोनों की जाति/गोत्र अलग हो
- एक की कुंडली में विशेष योग जैसे चंद्र-मंगल योग, गुरु दृष्टि आदि हो
- शुभ ग्रहों की दृष्टि से मंगलिक ग्रह निर्बल हो जाए
4. दान और सेवा के माध्यम से दोष निवारण
नाड़ी दोष के प्रभाव को कम करने के लिए:
- गाय को हरा चारा और गौदान करें।
- काले वस्त्र और काले तिल का दान करें।
- गरीब कन्याओं की शादी में सहयोग करें।
- जरूरतमंद ब्राह्मण को भोजन कराएं।
क्या नाड़ी दोष होने पर विवाह नहीं करना चाहिए?
ऐसा जरूरी नहीं। यदि नाड़ी दोष के साथ कुल गुण 18 से अधिक मिल रहे हों, या अगर कुंडली में कोई नाड़ी दोष शमन योग बन रहा हो, तो ज्योतिष सलाह के अनुसार विवाह किया जा सकता है।
नाड़ी दोष कोई जीवन बाधा नहीं, बल्कि एक ज्योतिषीय चेतावनी है
नाड़ी दोष यदि समय रहते पहचान लिया जाए और उचित ज्योतिषीय परामर्श व पूजा की जाए, तो इसका प्रभाव पूरी तरह शांत किया जा सकता है। विवाह जैसे महत्वपूर्ण निर्णय में जल्दबाज़ी न करें, सही मार्गदर्शन लें और सुखद वैवाहिक जीवन की शुरुआत करे।
क्या नाड़ी दोष वास्तव में असर करता है?
कुछ विद्वान यह मानते है कि नाड़ी दोष केवल परंपरा आधारित अवधारणा है, लेकिन यह मानसिक, शाररिक और आनुवांशिक अनकुूलता की ओर संकेत करता है। कई बार यह दोष संतान संबंधित रोग या आनुवांशिक विकार से भी सबंधिंत हो सकता है, इसलिए सावधानी आवयक है।
पंडित विजय जोशी जी की सेवाएँ
पडिंत विजय जोशी जी उजनै के जाने-माने वैदिक विद्वान है। वे पिछले 25 वर्षों से महाकाल क्षेत्र में ज्योतिषीय पूजा और दोष निवारण के लिए समर्पित है। उनकी सेवाओं में शामिल है::
● कुंडली मिलान और नाड़ी दोष परीक्षण
● दोष निवारण पूजा (कालसर्प, नाड़ी, चांडाल दोष)
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