श्रावण सोमवार 2025: जानिए 14, 21, 28 जुलाई और 4 अगस्त के पावन दिनों का महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास वर्ष का पांचवां महीना है, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। यह महिना वर्षा ऋतु में आता है जो भक्ति, तपस्या, और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है। श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को श्रावण सोमवार या सावन सोमवारी कहते है, जो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। वर्ष 2025 में सावन महीने में चार सोमवार पड़ेंगे: 14 जुलाई, 21 जुलाई, 28 जुलाई, और 4 अगस्त

इस वर्ष कब-कब आएंगे श्रावण सोमवार? | Sawan Somwar 2025 Dates

श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र महीनों में से एक है। इसमें प्रत्येक सोमवार को विशेष व्रत, पूजा और रुद्राभिषेक किया जाता है। वर्ष 2025 में सावन मास में निम्नलिखित चार सोमवार होंगे, जिनका पूजा और व्रत के लिए विशेष महत्व है, श्रावण सोमवार की तिथियाँ इस प्रकार हैं:

  • प्रथम सावन सोमवार: 14 जुलाई 2025
  • द्वितीय सावन सोमवार: 21 जुलाई 2025
  • तृतीय सावन सोमवार: 28 जुलाई 2025
  • चतुर्थ सावन सोमवार: 4 अगस्त 2025

इन तिथियों पर शुभ मुहूर्त और नक्षत्रों के संयोग के आधार पर पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, और अमृत सिद्धि योग जैसे शुभ योग इन सोमवारों को और अधिक फलदायी बनाते हैं।

श्रावण सोमवार का महत्व: क्यों खास है सावन में भगवान शिव की आराधना?

श्रावण मास का धार्मिक और पौराणिक महत्व अत्यधिक है। स्कंद पुराण के अनुसार, माता पार्वती ने सावन मास में कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। सोमवार, शिव का प्रिय दिन माना जाता है। श्रावण मास में यह प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

श्रावण सोमवार क्यों खास?

  • शिव की पूजा का केंद्र: सोमवार का दिन भगवान शिव और चंद्रमा को समर्पित है, जो मानसिक शांति और सौम्यता का प्रतीक है। सावन में यह दिन और भी अधिक शुभ हो जाता है।
  • मनोकामना पूर्ति: मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत और पूजा करने से वैवाहिक सुख, संतान प्राप्ति, धन-समृद्धि, और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  • कुंवारी कन्याओं के लिए विशेष: अविवाहित लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए सावन सोमवार का व्रत रखती हैं, जैसा कि माता पार्वती ने किया था।

श्रावण सोमवार व्रत और पूजा विधि

श्रावण सोमवार के दिन निम्न विधि से पूजा करनी चाहिए:

  1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद, दही और बेलपत्र चढ़ाएं।
  3. ऊँ नम: शिवाय का 108 बार जाप करें।
  4. व्रत रखें – केवल फलाहार या एक समय भोजन करे।
  5. शिव चालीसा, रुद्राष्टक और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।
  6. मंदिर में दीप, धूप और नैवेद्य अर्पित करें।

सावन सोमवार में व्रत और पूजा के क्या-क्या लाभ है?

  • वैवाहिक सुख: दांपत्य जीवन में समस्याएं दूर होती हैं और सुख-शांति बढ़ती है।
  • संतान प्राप्ति: संतानहीन दंपतियों को पुत्र-पुत्री की प्राप्ति होती है।
  • धन-समृद्धि: आर्थिक समस्याएं हल होती हैं और धन की प्राप्ति होती है। नौकरी, व्यापार में सफलता प्राप्ति।
  • मानसिक शांति: चंद्रमा से संबंधित होने के कारण यह व्रत मन को शांत और स्थिर करता है।
  • मनचाहा वर: अविवाहित लड़कियों को मनपसंद जीवनसाथी मिलता है।
  • कालसर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

सावन सोमवार पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री

निम्नलिखित सामग्री पूजा के लिए आवश्यक है:

  • शिवलिंग/शिव मूर्ति
  • पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद, शक्कर
  • गंगाजल, शुद्ध जल
  • बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल
  • चंदन, अक्षत, रोली, मौली धागा
  • धूप, दीप, कपूर
  • फल: बेर, पंच फल
  • मिठाई: दूध की बर्फी, मालपुआ, खीर
  • श्रृंगार सामग्री
  • जनेऊ, कुशासन, पूजा के बर्तन

सावन सोमवार व्रत में किन बातों की सावधानी रखनी चाहिए?

  • शुद्धता: पूजा और व्रत के दौरान शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।
  • सात्विक भोजन: प्याज, लहसुन, और तामसिक भोजन से बचें। फलाहार या बिना नमक का भोजन करें।
  • ब्रह्मचर्य: व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • भगवान शिव का ध्यान करना शुभ है।
  • वर्जित सामग्री: तुलसी, हल्दी, शंख, और केतकी के फूल न चढ़ाएं।

श्रावण सोमवार के दिन पूजा से करें जीवन को शिवमय

श्रावण का प्रत्येक सोमवार एक आध्यात्मिक अवसर है, पापों से मुक्ति का, जीवन की उलझनों को सुलझाने का, और भोलेनाथ से सीधा जुड़ाव बनाने का।
इन चार पवित्र सोमवारों पर सच्चे मन से व्रत, पूजन और जप करें और अपने जीवन में चमत्कारी परिवर्तन देखें। सावन के सोमवार के दिन की गई कालसर्प दोष पूजा विशेष रूप से फलदायी होती है।

उज्जैन में कराये श्रावण सोमवार की पूजा का विशेष आयोजन?

उज्जैन, भगवान शिव की नगरी है, जहां हर दिन कई विशेष पूजा अनुष्ठान होते है। उज्जैन भगवान शिव की महिमा और आशीर्वाद का प्रबल और उत्तम स्थान है, यहाँ श्रावण के महीने में विशेष अनुष्ठान सम्पन्न होते है और सावन सोमवार पर भगवान शिव की भव्य पूजा-आरती का आयोजन होता है। उज्जैन में सावन के सोमवार के दिन ऐसा प्रतीत होता है मानो कोई त्योहार हो।

उज्जैन में सावन के सोमवार पर पूजा का योजन कराने के लिए उज्जैन के योग्य पंडित जी से नीचे दिये गए नम्बर पर कॉल करे, और अपनी पूजा बुक करे।

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