नागदेवता केवल सांप नहीं, बल्कि प्रकृति की रहस्यमयी ऊर्जा, कुंडलिनी शक्ति और मन के गहन स्तरों का प्रतिनिधित्व करते हैं। नागपंचमी के दिन पूजा करने से जीवन में शांति, सुरक्षा और संतुलन आता है। श्रद्धालु सर्पनागपंचमी के दिन नागों को दूध, लावा, कुश, हल्दी, चंदन और फूल चढ़ाकर पूजा करते हैं, और नागदोष, कालसर्प दोष और पितृदोष से मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
सर्प-नागपंचमी क्या है? क्यो माना जाता है ये दिन विशेष
नागपंचमी हिन्दू धर्म का एक पारंपरिक और शक्तिशाली पर्व है, जिसमें सर्पों (नागों) की पूजा की जाती है। यह दिन विशेष रूप से नाग देवताओं, विशेषकर शेषनाग, वासुकी, तक्षक, कर्कोटक, धनंजय, कालिया आदि के पूजन के लिए समर्पित है।
नाग पंचमी, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार नागों (सर्पों) की पूजा को समर्पित है, जो हिंदू संस्कृति में शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। साल 2025 में नाग पंचमी 31 जुलाई को मनाई जाएगी।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, महर्षि अस्तिक ने इस दिन जनमेजय के नागयज्ञ को रोका था, जिसमें लाखों नाग जलाए जा रहे थे। महर्षि के प्रभाव से नागों की रक्षा हुई और तभी से यह दिन “नागों की रक्षा और शांति” के प्रतीक के रूप में मनाया जाने लगा।
नागपंचमी पूजन विधि (घर पर भी कर सकते हैं)
- प्रातः स्नान कर साफ वस्त्र पहनें
- दीवार पर या मिट्टी से नाग देवता का चित्र बनाएं
- दूध, काले तिल, चावल, कुश, हल्दी, चंदन से पूजा करें
- नागों को लावा, दूध, मिठाई चढ़ाएं
- “ॐ नागराजाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें
- कथा सुनें या पढ़ें – “महर्षि अस्तिक की कथा”
- दिन भर सर्पों को न मारने और नुकसान न पहुंचाने का संकल्प लें
नागपंचमी का ज्योतिषीय महत्व और कालसर्प दोष से संबंध
नागपंचमी का दिन कालसर्प दोष, सर्पदोष, राहु-केतु पीड़ा, और पितृदोष से मुक्ति के लिए विशेष रूप से प्रभावी होता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में यह दोष होता है, उन्हें नागपंचमी के दिन निम्न कार्य करने चाहिए:
- उज्जैन, त्र्यंबकेश्वर या हरिद्वार में कालसर्प दोष निवारण पूजा कराना चाहिए।
- नाग मंदिरों में नाग देवता को दूध और फूल अर्पित करें।
- ओम नमो भगवते वासुकी नागराजाय नमः मंत्र का जाप करें।
- श्रद्धा पूर्वक पितरों को जल अर्पण करें।
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा – नागपंचमी के अवसर पर विशेष महत्व
उज्जैन, जहाँ महाकाल स्वयं विराजते हैं, नागपंचमी के दिन कालसर्प दोष शांति के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान माना जाता है। इस दिन हजारों श्रद्धालु महाकाल मंदिर के पास नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन भी करते हैं, जो साल में सिर्फ इस दिन खुलता है।
पूजा में शामिल:
- ब्राह्मण द्वारा वैदिक विधि से पूजन
- नाग मंत्र जाप और अभिषेक
- पूजा सामग्री और पित्र दोष शांति
- वीडियो/फोटो सुविधा और प्रसाद वितरण
बुकिंग के लिए संपर्क करें: +91-8349331107
नाग पंचमी एक ऐसा पर्व है जो धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व को एक साथ जोड़ता है। इस दिन नाग देवताओं की पूजा करने से न केवल आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि कालसर्प दोष जैसी ज्योतिषीय समस्याओं का निवारण भी होता है।