नाग पंचमी कालसर्प शांति विशेष दिन: नाग पंचमी और कालसर्प दोष निवारण

नाग पंचमी सर्प शांति का महत्व

पंचमी तिथि, विशेष रूप से नाग पंचमी, हिन्दू धर्म में सर्प देवताओं की पूजा और सर्प दोष निवारण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह दिन भगवान शिव और नाग देवताओं को समर्पित है, जो भक्तों को सर्प भय, कालसर्प दोष, और अन्य ज्योतिषीय बाधाओं से मुक्ति दिलाते हैं। वैदिक ज्योतिष में, कालसर्प योग जीवन में बाधाएँ, स्वास्थ्य समस्याएँ, और आर्थिक अस्थिरता ला सकते हैं।

नाग पंचमी 2025: तिथि, समय और महत्व

नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त

  • तिथि: 31 जुलाई 2025, गुरुवार
  • पंचमी तिथि प्रारंभ: 30 जुलाई 2025, रात 10:58 बजे
  • पंचमी तिथि समाप्त: 31 जुलाई 2025, रात 11:41 बजे
  • शुभ पूजा समय: सुबह 05:47 बजे से दोपहर 12:00 बजे (हस्त नक्षत्र, सौभाग्य योग)
  • नक्षत्र: हस्त
  • राशि: कन्या

नाग पंचमी का धार्मिक महत्व

नाग पंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव के गले में वास करने वाले नाग देवताओं की पूजा की जाती है। स्कंद पुराण और भविष्य पुराण में नाग पंचमी को सर्प भय और दोष निवारण का प्रमुख पर्व बताया गया है। यह दिन काल सर्प दोष, और राहु-केतु के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए विशेष है।

  • ज्योतिषीय महत्व: राहु-केतु के कारण होने वाले काल सर्प योग और सर्प दोष के निवारण के लिए आदर्श।
  • सांस्कृतिक महत्व: भारत में विशेष रूप से उज्जैन, वाराणसी, और त्र्यंबकेश्वर में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।
  • लोक मान्यता: सर्पों को दूध और लड्डू अर्पित करने से भय और शाप से मुक्ति मिलती है।

कालसर्प दोष: कारण और प्रभाव

कालसर्प दोष क्या है?

कालसर्प दोष तब होता है जब कुंडली में राहु-केतु या अन्य ग्रहों की स्थिति सर्प शाप का संकेत देती है। यह पिछले जन्म में सर्प हत्या या नाग देवताओं का अपमान करने के कारण माना जाता है। लक्षण:

  • बार-बार सपनों में सर्प दिखना।
  • स्वास्थ्य समस्याएँ, विशेष रूप से त्वचा रोग।
  • आर्थिक हानि और करियर में रुकावटें।
  • संतान प्राप्ति में बाधा।

उज्जैन में कालसर्प शांति पूजा: क्यों और कहाँ?

उज्जैन का महत्व

उज्जैन, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और क्षिप्रा नदी का निवास, कालसर्प शांति पूजा के लिए सर्वोत्तम स्थान है:

  • महाकालेश्वर मंदिर: भगवान शिव, जो नागों के स्वामी हैं, की कृपा से दोष निवारण।
  • नागचंद्रेश्वर मंदिर: नाग पंचमी पर रात 12:00 बजे खुलता है, जहाँ सर्प शांति पूजा विशेष फलदायी है।
  • क्षिप्रा नदी: रामघाट पर स्नान सर्प दोष को शुद्ध करता है।
  • ज्योतिषीय केंद्र: उज्जैन की कर्क रेखा पर स्थिति वैदिक पूजाओं को प्रभावी बनाती है।

कालसर्प शांति पूजा की विधि और सामग्री

पूजा विधि

  1. स्नान: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 04:00–05:47 बजे) में क्षिप्रा नदी या घर पर स्नान करें।
  2. वस्त्र: पुरुष धोती/कुर्ता और महिलाएँ साड़ी पहनें (काला/हरा रंग वर्जित)।
  3. संकल्प: पंडित द्वारा नाम, गोत्र, और उद्देश्य (सर्प दोष निवारण) के साथ संकल्प लिया जाता है।
  4. पूजा:
    • गणेश पूजा: “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप।
    • नाग देवता पूजा: दूध, लड्डू, और पीले फूल अर्पित करें।
    • राहु-केतु मंत्र: “ॐ रां राहवे नमः” और “ॐ कें केतवे नमः” का 108 बार जाप।
    • शिव पूजा: बेलपत्र, धतूरा, और भांग अर्पित करें।
  5. हवन: घी, काले तिल, और जौ से हवन, जिसमें “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप।
  6. दान: ब्राह्मणों को भोजन, दक्षिणा, और काले तिल दान करें।
  7. दर्शन: नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन और महाकालेश्वर में भस्म आरती।

नाग पंचमी 2025: शुभ मुहूर्त और पूजा समय

पूजा का शुभ समय

  • सुबह 05:47–08:00 बजे: हस्त नक्षत्र, सौभाग्य योग।
  • दोपहर 11:00–12:00 बजे: अभिजित मुहूर्त, सर्वोत्तम।
  • रात 08:00–10:00 बजे: नागचंद्रेश्वर मंदिर दर्शन के लिए।

अन्य पंचमी तिथियाँ 2025

हालांकि नाग पंचमी प्रमुख है, अन्य पंचमी तिथियाँ भी सर्प शांति के लिए शुभ हैं:

  • 5 जनवरी 2025: पौष शुक्ल पंचमी, सुबह 07:00–11:00 बजे (रेवती नक्षत्र)।
  • 3 मार्च 2025: फाल्गुन शुक्ल पंचमी, सुबह 06:45–12:00 बजे (मृगशिरा नक्षत्र)।
  • 29 अगस्त 2025: भाद्रपद शुक्ल पंचमी, सुबह 06:00–11:30 बजे (चित्रा नक्षत्र)।

कालसर्प शांति पूजा के लाभ

  1. काल सर्प दोष निवारण: राहु-केतु के प्रभाव को कम करता है।
  2. सर्प भय से मुक्ति: सर्पों से संबंधित भय और शाप दूर होते हैं।
  3. स्वास्थ्य सुधार: त्वचा रोग और पुरानी बीमारियों में राहत।
  4. आर्थिक स्थिरता: वित्तीय बाधाएँ दूर होती हैं।
  5. विवाह और संतान सुख: विवाह में देरी और संतान बाधा का निवारण।
  6. मानसिक शांति: तनाव, भय, और चिंता से मुक्ति।

उज्जैन में कालसर्प शांति पूजा की बुकिंग कैसे करें?

नागपंचमी कालसर्प शांति विशेष दिन, विशेष रूप से नाग पंचमी (31 जुलाई 2025), काल सर्प दोष निवारण पूजा का स्वर्णिम अवसर है। अपने जीवन की सभी समस्याओं का समाधान पाने के लिए आज ही उज्जैन में सर्प शांति पूजा कराएं।

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