आईएएस और आईपीएस बनने के लिए कुंडली में ग्रहों का संयोजन

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) भारत की सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण नौकरियाँ हैं। लाखों युवा इन सेवाओं में शामिल होने का सपना देखते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति और संयोजन यह दर्शा सकते हैं कि उस व्यक्ति में इन उच्च सेवाओं में सफलता प्राप्त करने की क्षमता है या नहीं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम उन महत्वपूर्ण ग्रहों और भावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे जो आईएएस और आईपीएस अधिकारी बनने की संभावनाओं को इंगित करते हैं।

मुख्य ग्रह जो प्रशासनिक सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं:

  • सूर्य: यह ग्रह अधिकार, शक्ति, सरकार, नेतृत्व और उच्च स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली में एक मजबूत और अच्छी तरह से स्थित सूर्य सरकारी नौकरियों में सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • मंगल: यह साहस, दृढ़ संकल्प, ऊर्जा, कार्रवाई और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को संभालने की क्षमता का प्रतीक है। आईपीएस के लिए मंगल विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो पुलिस या रक्षा सेवाओं में संभावित सफलता को दर्शाता है।
  • गुरु (बृहस्पति): यह ज्ञान, बुद्धि, नैतिकता, न्याय और मार्गदर्शन का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक मजबूत बुद्धि और जिम्मेदारी की भावना को दर्शाता है, जो आईएएस और आईपीएस दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • शनि: यह अनुशासन, कड़ी मेहनत, दृढ़ता, जिम्मेदारी और लोक सेवा का प्रतीक है। एक अच्छी तरह से स्थित शनि इन नौकरियों की मांग वाली प्रकृति को संभालने और सार्वजनिक रूप से कुशलतापूर्वक सेवा करने की क्षमता को इंगित करता है।
  • बुध: यह बुद्धि, संचार कौशल, विश्लेषणात्मक क्षमता और प्रशासनिक क्षमताओं का प्रतिनिधित्व करता है, जो दोनों सेवाओं के लिए फायदेमंद हैं।

महत्वपूर्ण भाव (घर) जो प्रशासनिक सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं:

  • प्रथम भाव (लग्न): यह स्वयं, व्यक्तित्व और समग्र क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। एक मजबूत लग्न और उसका स्वामी किसी भी महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए आवश्यक है।
  • छठा भाव: यह सेवा, प्रतिस्पर्धा, चुनौतियों से निपटने और शत्रुओं का प्रतिनिधित्व करता है। एक मजबूत छठा भाव कठोर चयन प्रक्रिया को पार करने और नौकरी के दबावों को संभालने की क्षमता को इंगित करता है।
  • दसवां भाव: यह करियर, पेशा, सार्वजनिक छवि और स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है। यह किसी व्यक्ति की व्यावसायिक सफलता का निर्धारण करने वाला एक महत्वपूर्ण भाव है। इस भाव में स्थित ग्रह और इसके स्वामी की शक्ति बहुत महत्वपूर्ण है।
  • ग्यारहवां भाव: यह लाभ, उपलब्धियों, इच्छाओं की पूर्ति और सामाजिक संबंधों का प्रतिनिधित्व करता है। एक मजबूत ग्यारहवां भाव अपने क्षेत्र में सफलता और मान्यता प्राप्त करने की क्षमता को इंगित करता है।
  • नौवां भाव: यह भाग्य, उच्च शिक्षा और सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व करता है। एक मजबूत नौवां भाव समग्र सफलता और नैतिक आचरण का समर्थन करता है।

विशिष्ट ग्रहों का संयोजन और स्थितियाँ जो आईएएस/आईपीएस के लिए शुभ हैं:

  • दसवें भाव में मजबूत सूर्य: सरकार में उच्च पद और अधिकार का संकेत देता है।
  • सूर्य, मंगल, गुरु और शनि का दसवें भाव या उसके स्वामी पर प्रभाव: प्रशासनिक भूमिकाओं के लिए मजबूत क्षमता का संकेत देता है।
  • शनि और सूर्य की युति या आपसी दृष्टि: प्रशासनिक नौकरियों या सरकारी सेवा का संकेत दे सकती है।
  • छठे या दसवें भाव में मंगल: पुलिस या रक्षा संबंधी भूमिकाओं (आईपीएस) के लिए मजबूत संकेत।
  • छठे या ग्यारहवें भाव से गुरु का मजबूत संबंध: सरकार के अधीन प्रशासनिक नौकरियों के लिए मजबूत संकेत देता है।
  • लग्न स्वामी का पहले, दसवें, नौवें, छठे या ग्यारहवें भाव में स्थित होना, विशेष रूप से सूर्य, शनि, गुरु या मंगल के साथ युति में: सरकार में एक सफल करियर के लिए एक अच्छा संयोजन।
  • दशमेश (दसवें भाव का स्वामी) का केंद्र (पहला, चौथा, सातवां, दसवां) या त्रिकोण (पहला, पांचवां, नौवां) भावों में स्थित होना और शुभ ग्रहों की दृष्टि होना: करियर की संभावनाओं को बढ़ाता है।
  • राज योग: केंद्र और त्रिकोण भावों में शुभ ग्रहों का संयोजन उच्च स्थिति और अधिकार प्रदान कर सकता है।
  • धर्म कर्माधिपति योग (नवम और दशम भाव के स्वामियों का संबंध): करियर और सरकारी नौकरियों में सफलता का प्रतीक है।
  • अमात्यकारक (जन्म कुंडली में दूसरा सबसे अधिक अंश वाला ग्रह) की मजबूत स्थिति और दसवें भाव या संबंधित ग्रहों के साथ इसका संबंध।

आईएएस और आईपीएस के बीच अंतर करने वाले कारक:

जबकि कई संयोजन सरकारी सेवा की ओर ले जा सकते हैं, मंगल का मजबूत प्रभाव, विशेष रूप से छठे और दसवें भाव पर, आईपीएस की ओर झुकाव पैदा कर सकता है, जो कानून प्रवर्तन में साहस और प्रशासनिक नियंत्रण पर जोर देता है। आईएएस के लिए, दसवें भाव पर गुरु का मजबूत प्रभाव, एक अच्छी तरह से स्थित शनि और सूर्य के साथ, अधिक प्रमुख हो सकता है, जो नीति और शासन पर ध्यान केंद्रित करने वाली प्रशासनिक भूमिकाओं को इंगित करता है।

निष्कर्ष:

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक अकेला ग्रह या संयोजन सफलता की गारंटी नहीं दे सकता है। जन्म कुंडली की समग्र शक्ति, ग्रहों के बीच पहलू, विभिन्न भावों का प्रभाव और दशा (ग्रहों की अवधि) सभी किसी व्यक्ति के करियर पथ को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। करियर की संभावनाओं का सटीक आकलन करने के लिए एक जानकार ज्योतिषी द्वारा पूरी जन्म कुंडली का विस्तृत विश्लेषण आवश्यक है।

यह ब्लॉग पोस्ट केवल ज्योतिषीय संभावनाओं की एक सामान्य रूपरेखा प्रदान करती है। व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण के लिए हमेशा एक योग्य ज्योतिषी से परामर्श करें।

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