गणपति मुहूर्त और पूजा स्थापना विधि: गणेश चतुर्थी 2025

गणेश चतुर्थी, भगवान गणेश का प्रमुख पर्व, भारत में विशेष उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, और 2025 में यह 27 अगस्त को पड़ रहा है। गणपति की पूजा के लिए सही मुहूर्त और पूजा स्थापना विधि का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भगवान गणेश की कृपा और सिद्धि प्राप्त करने में सहायक होता है।

गणेश चतुर्थी का महत्व क्या है?

गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है, जिन्हें विघ्नहर्ता और सिद्धिविनायक के नाम से जाना जाता है। भगवान गणेश बुद्धि, समृद्धि, और सौभाग्य के दाता हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। गणेश चतुर्थी विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, और तमिलनाडु में धूमधाम से मनाई जाती है, जहां गणपति की मूर्ति स्थापना और विसर्जन भव्य समारोह के साथ होता है।

गणेश चतुर्थी 2025 की तारीख और मुहूर्त क्या है?

  • तिथि: 27 अगस्त 2025 (बुधवार)
  • चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 26 अगस्त 2025, रात 11:22 बजे
  • चतुर्थी तिथि समाप्त: 27 अगस्त 2025, रात 8:46 बजे

गणपति मुहूर्त 2025

गणेश चतुर्थी पर पूजा और मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है। सही मुहूर्त में पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और कार्यों में सिद्धि मिलती है। 2025 के लिए गणपति पूजा के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

शुभ मुहूर्त

  • मध्याह्न गणपति मुहूर्त: 27 अगस्त 2025, सुबह 11:03 बजे से दोपहर 1:20 बजे तक। यह समय सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि गणेश चतुर्थी की पूजा मध्याह्न में करना श्रेष्ठ है।
  • अमृत काल: सुबह 6:15 बजे से 7:45 बजे तक
  • शुभ चौघड़िया: सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक
  • लाभ चौघड़िया: दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक

गणपति पूजा स्थापना विधि क्या है?

गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना और पूजा की विधि का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। नीचे विस्तृत विधि दी गई है:

स्थापना और पूजा की विधि

  1. शुद्धिकरण:
    • स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
    • पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
    • अपने हाथों में गंगाजल लेकर संकल्प करें: “मैं गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा और स्थापना करने जा रहा/रही हूं।”
  2. मूर्ति स्थापना:
    • चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और गणेश मूर्ति को पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित करें।
    • मूर्ति के नीचे चावल और सुपारी रखें।
    • मूर्ति को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं, फिर स्वच्छ जल से स्नान कराएं और स्वच्छ कपड़े से पोंछें।
  3. पूजा विधि:
    • दीप प्रज्वलन: एक घी का दीपक जलाएं और भगवान गणेश को समर्पित करें।
    • आवाहन: “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र के साथ गणेश जी का आवाहन करें।
    • आसन और वस्त्र: गणेश जी को आसन (चावल और सुपारी) और वस्त्र (लाल कपड़ा) अर्पित करें।
    • पंचामृत स्नान: दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर से पंचामृत स्नान कराएं।
    • श्रृंगार: चंदन, रोली, और कुमकुम से तिलक करें। लाल फूल और माला अर्पित करें।
    • दूर्वा: 21 दूर्वा घास की गांठें गणेश जी को चढ़ाएं।
    • प्रसाद: मोदक, लड्डू, और फल अर्पित करें।
    • धूप-दीप: धूप और अगरबत्ती जलाएं, कपूर से आरती करें।
  4. मंत्र जाप:
    • गणेश गायत्री मंत्र: “ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्” (108 बार)।
    • वक्रतुंड महाकाय: “वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा” (21 बार)।
    • सिद्धिविनायक मंत्र: “ॐ नमो सिद्धिविनायकाय नमः” (108 बार)।
  5. आरती और प्रार्थना:
    • “जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा” आरती गाएं।
    • अपने मनोरथ पूर्ण होने की प्रार्थना करें।
  6. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद परिवार और पड़ोसियों में प्रसाद बांटें।

गणपति पूजा का ज्योतिषीय महत्व क्या होता है?

गणेश चतुर्थी की पूजा का ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। भगवान गणेश को बुध ग्रह का स्वामी माना जाता है, जो बुद्धि और तर्क का प्रतीक है। सही मुहूर्त में पूजा करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  1. विघ्न निवारण: गणेश जी सभी बाधाओं को दूर करते हैं, खासकर यदि कुंडली में बुध कमजोर हो।
  2. आर्थिक समृद्धि: गुरु और शुक्र के साथ बुध की शुभ स्थिति धन और समृद्धि लाती है।
  3. करियर और शिक्षा: विद्यार्थियों और व्यवसायियों के लिए गणेश पूजा बुद्धि और सफलता प्रदान करती है।
  4. कालसर्प दोष निवारण: गणेश पूजा कालसर्प दोष और अन्य ज्योतिषीय दोषों के प्रभाव को कम करती है।
  5. मानसिक शांति: गणेश मंत्र जाप से मानसिक तनाव और चिंता कम होती है।

गणेश चतुर्थी, भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर है। सही मुहूर्त में मूर्ति स्थापना और पूजा विधि का पालन करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं और सिद्धि प्राप्त होती है। 27 अगस्त 2025 को मध्याह्न मुहूर्त में गणपति की पूजा करें, पर्यावरण-अनुकूल मूर्ति का उपयोग करें, और गणेश मंत्रों का जाप करें। भगवान गणेश आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति लाएं।

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