18 मई को राहु-केतु का गोचर: आपके लिए क्या मायने रखता है?

तिथि: 18 मई 2025
राशि परिवर्तन: राहु मीन राशि में, केतु कन्या राशि में प्रवेश करेगा

राहु-केतु गोचर क्या है?

ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु छाया ग्रह माने जाते हैं जो भाग्य को प्रभावित करते हैं। ये हमेशा विपरीत दिशा में चलते हैं और लगभग 18 महीने बाद राशि बदलते हैं।

18 मई 2025 को राहु कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेगा, जबकि केतु सिंह राशि से कन्या राशि में जाएगा। यह परिवर्तन सभी राशियों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करेगा।

मीन राशि में राहु और कन्या राशि में केतु का प्रभाव

1. मीन राशि में राहु

  • सकारात्मक प्रभाव: आध्यात्मिक विकास, रचनात्मकता, संवेदनशीलता और अंतर्ज्ञान में वृद्धि।
  • चुनौतियाँ: भ्रम, भावनात्मक अस्थिरता, वित्तीय जोखिम और अवास्तविक सपने देखना।
  • सलाह: जल्दबाजी में फैसले न लें, ध्यान करें और व्यावहारिक रहें।

2. कन्या राशि में केतु

  • सकारात्मक प्रभाव: भौतिकता से मोहभंग, विश्लेषणात्मक सोच और कर्मिक शुद्धि।
  • चुनौतियाँ: अति आलोचनात्मकता, पाचन संबंधी समस्याएँ और कार्यस्थल पर तनाव।
  • सलाह: सेहत का ध्यान रखें, संतुलित आहार लें और बहस से बचें।

सभी राशियों पर प्रभाव

राशिमुख्य प्रभावउपाय
मेषकरियर में उन्नति, स्वास्थ्य सावधानीगोमेद धारण करें
वृषभवित्तीय स्थिरता, रिश्तों में तनावमोती पहनें
मिथुनमानसिक शांति, यात्रा लाभपन्ना धारण करें
कर्कभावनात्मक उथल-पुथल, संपत्ति लाभमोती पहनें
सिंहआत्मविश्वास बढ़ेगा, स्वास्थ्य सावधानीमाणिक्य पहनें
कन्याकर्मिक सुधार, अति विश्लेषण से बचेंहरा पुखराज धारण करें
तुलारिश्तों में सुधार, वित्तीय सावधानीहीरा पहनें
वृश्चिकआध्यात्मिक जागृति, गुप्त शत्रु सावधानीलाल मूंगा धारण करें
धनुविदेश यात्रा के योग, धैर्य रखेंपीला पुखराज पहनें
मकरकरियर में बदलाव, पारिवारिक सहयोगनीलम धारण करें
कुंभनए अवसर, स्वास्थ्य सावधानीनीलम पहनें
मीनराहु का सीधा प्रभाव, भ्रम से बचेंपीला पुखराज धारण करें

क्या करें?

  • राहु शांति के लिए: दान (नीले/काले वस्त्र, उड़द की दाल), हनुमान चालीसा पाठ।
  • केतु शांति के लिए: भगवान गणेश की पूजा, तिल का दान, केतु मंत्र जाप।

नोट: यह सामान्य भविष्यफल है। सटीक जानकारी के लिए कुंडली विश्लेषण जरूरी है।

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